झारखण्ड राज्य बिजली कामगार यूनियन का रोष पूर्ण प्रदर्शन ,
# मांगो की पूर्ति नहीं होने पर 26 जून से अनिश्चित कालिन हड़ताल की दी चेतावनी
राम कृष्ण सिंह ने बताया कि आप विद्युत लचर व्यवस्था से वाकीफ है इस बीच दक्ष्य तकनीकी कामगारो का स्थानान्तरण दुरभाग्य पूर्ण है धनबाद में रीग सिस्टम है। जबतक 40 तकनीकी कामगारों को वापस नहीं किया जाता तबतक बिजली सुधार नही हो सकता। साथ ही बताया कि लाखो करोड़ो का परचेज हो रहा है लेकिन ओभरटाईम देने का पैसा नहीं है। जो 10 साल से बाकी है।
राम कृष्णा सिंह ने घोषणा किया कि मांगो की पूर्ति नहीं होने पर 26 जून से धनबाद अंचल के कामगार अनिश्चित कालिन हड़ताल पर उत्तरेंगे और उनके समर्थन में 7 दिन के बाद पूरे एरिया बोर्ड के कर्मचारी हड़ताल करेंगे जिसका असर पानी, कोयला, रेल, छोटे-बड़े उद्योग, अस्पताल एवं आम जनता पर पड़ेगा।
धनबाद । पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार झारखण्ड राज्य बिजली कामगार यूनियन के आहवान पर विद्युत कर्मियों ने धनबाद प्रमण्डल से चल कर विद्युत अधीक्षण अभियंता, धनबाद कार्यालय के समक्ष रोष पूर्ण प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मी काफी संख्या में लाल झण्डा लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए । जिनका नारा था ‘विद्युत कर्मियों का गर्जन भ्रष्टाचारियो का विसर्जन सामुहिक स्थानान्तरण आदेश को रदद् किया जाए। वहा जाकर प्रदर्शन सभा में तबदील हो गई, सभा को संबोधित करते हुए राम कृष्णा सिंह, प्रदेश महामंत्री ने कहा कि 40, दक्ष तकनीकी कामगारों का स्थानान्तरण मिड नाईट में यत्र-तत्र कर तुगलकी फरमान जारी किया ।जो धनबाद में आज तक नहीं हुआ था। यहा तक कि वैसे जगह जहाँ पुरुष कामगार राजस्व का पैसे बैंक में जमा करने जाते थे उनका स्थानान्तरण कर दिया गया। और महिलाओ को बैंक जाने के लिए वाध्य कर दिया गया।
राम कृष्ण सिंह ने बताया कि आप विद्युत लचर व्यवस्था से वाकीफ है इस बीच दक्ष्य तकनीकी कामगारो का स्थानान्तरण दुरभाग्य पूर्ण है धनबाद में रीग सिस्टम है। जबतक 40 तकनीकी कामगारों को वापस नहीं किया जाता तबतक बिजली सुधार नही हो सकता। साथ ही बताया कि लाखो करोड़ो का परचेज हो रहा है लेकिन ओभरटाईम देने का पैसा नहीं है। जो 10 साल से बाकी है।
राम कृष्णा सिंह ने घोषणा किया कि मांगो की पूर्ति नहीं होने पर 26 जून से धनबाद अंचल के कामगार अनिश्चित कालिन हड़ताल पर उत्तरेंगे और उनके समर्थन में 7 दिन के बाद पूरे एरिया बोर्ड के कर्मचारी हड़ताल करेंगे जिसका असर पानी, कोयला, रेल, छोटे-बड़े उद्योग, अस्पताल एवं आम जनता पर पड़ेगा।