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इस्कॉन द्वारा रामनवमी महा-महोत्सव का भव्य आयोजन

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श्री रामचंद्र भगवान को प्रसन्न करने हेतु जमी सैकड़ों भक्तों की भीड़

गुरुवार संध्या बेला में इस्कॉन धनबाद के भैया सेंटर द्वारा रामनवमी महोत्सव का भव्य आयोजन सहजानंद हॉल सिटी सेंटर में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रात सीना राज सिन्हा उपस्थित थे। इस भव्य महोत्सव में भाग लेने व आनंदित होने हेतु 700 से भी अधिक भक्त उपस्थित रहे। इसकी शुरुआत अत्यंत मनमोहक मधुर हरे कृष्ण संकीर्तन एवं श्री राम के भजन के माध्यम से हुई। इसके बाद इस्कॉन धनबाद के उपाध्यक्ष दामोदर गोविंद प्रभु के द्वारा कथा के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र भगवान के जीवन पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि भगवान के पृथ्वी पर अवतरित होने के बहुत सारे कारण हैं जैसे अधर्मीयों व दुष्कृतियों का विनाश, सज्जनों व संतो की रक्षा, धर्म की पुनः स्थापना, आदि। किंतु इन कारणों में से सबसे मुख्य और वास्तविक कारण है अपने निजी भक्तों के साथ भिन्न-भिन्न लीलाओ द्वारा प्रेम का आदान प्रदान करना। अतः रामनवमी के इस शुभ दिन पर हमें पूर्ण भक्ति भाव से श्री रामचंद्र को हमारे हृदयों में अवतरित होने के लिए आमंत्रित करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए।
इसके पश्चात श्री श्री राम लक्ष्मण सीता के विग्रह का अत्यंत भव्य पंचामृत अभिषेक किया गया। श्री विग्रह का अभिषेक दूध, दही, मधु, घृत, पुष्प-सार, फलों के रस, गंगाजल, पंचगव्य, विभिन्न प्रकार के पुष्प एवं शर्करा से किया गया। इसके पश्चात श्री श्री राम लक्ष्मण सीता जी का सुंदर श्रृंगार किया गया और सभी । श्री श्री राम लक्ष्मण सीता जी को स्वादिष्ट व्यंजनों का छप्पन भोग लगाया गया। श्री विग्रह अत्यंत मनमोहक लग रहे थे।इसके पश्चात इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष नाम प्रेम प्रभु ने रामनवमी एवं रामचंद्र भगवान की करुणा एवं महिमा की व्याख्या करते हुए प्रवचन दिया। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम ने अपने उदाहरण द्वारा हमें बताया की एक आदर्श जीवन का वास्तविक अर्थ क्या होता है। श्री रामचंद्र भगवान द्वारा वशिष्ठ मुनि के आश्रम में आदर्श शिष्य, दशरथ महाराज के आदर्श पुत्र, लक्ष्मण व भरत के आदर्श भ्राता, सीता माता के आदर्श पति तथा हनुमान जी के आदर्श स्वामी बनकर सबको पूर्ण रूप से संतुष्ट करने की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया गया। श्री प्रभु ने बताया कि जिस प्रकार कोई भी व्यक्ति अपने जन्मदिन पर सामान्य दिन की तुलना में अधिक खुश होता है उसी प्रकार भगवान भी अपनी अवतरण की पुण्यतिथि के दिन सामान्य रोज से अधिक कृपालु होते हैं अंततः हमें इस पावन अवसर का लाभ उठाते हुए रामनवमी का दिन भगवान के सतत भजन, कथा, कीर्तन आदि में उनके भक्तों का संघ लेते हुए बिताना चाहिए।श्री राम नवमी के महोत्सव का लाभ उठाते हुए 7 भक्तों ने नाम प्रेम प्रभु के हस्तकमलों से 700+ भक्तों के समक्ष तुलसी कंठी धारण करते हुए अपनी भक्ति को और दृढ़ करने का संकल्प लिया। बता दें की कंठी धारण करने वाले सारे भक्त यह प्रण लेते हैं कि वे पूरे जीवन केवल और केवल लहसुन प्याज रहित शुद्ध शाकाहारी भगवान को भोग लगाया हुआ अन्न अर्थात प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसी के साथ साथ इस्कॉन के चार नियामक सिद्धांतों अर्थात कभी भी मांसाहार, नशा पान, जुआ या अवैवाहिक अथवा अवैध संबंध नहीं करने के पालन करने का भी प्रण लिया जाता है। इस्कॉन के जुड़े धनबाद में ऐसे हजारों भक्त हैं जो इन चारों नियमों का पालन करते हैं।चंद्रोदय होने के पश्चात सभी भक्तों ने महा-आरती में भाग लिया जिसके अत्यंत आनंददायक कीर्तन में सभी झूम रहे थे। उसके पश्चात सभी के लिए प्रचुर मात्रा में भव्य महाप्रसाद भोज की थाली की व्यवस्था की गई थी।

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