एशियन जालान अस्पताल ने किया कैंसर के प्रति जागरूक,4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस

0

धनबाद: हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।साल 1933 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई थी और इसके पीछे ये उद्देश्य रहता है कि लोगों को इस बीमारी और इससे बचने के तरीको को लेकर जागरूक किया जा सके।शुक्रवार को बरटांड स्थित एशियन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स डॉ.संदीप कपूर वर्मा (ऑंकोलॉजिस्ट) डॉ. एम.के. राय (एशियन हॉस्पिटल मेडिकल सुपरीटेंडेंट) और डॉ सी. राजन (एशियन हॉस्पिटल सेंटर हेड) डॉक्टर सी. राजन ने वर्ल्ड कैंसर डे पर महत्वपूर्ण जानकारी मिडिया से साझा की।

क्लोज द केयर गैप इस साल का थीम

डॉ संदीप कपूर वर्मा ने बताया कि इस दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है.यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल द्वारा साल 2022 से लेकर 2024 तक “क्लोज द केयर गैप” ये थीम 3 साल के लिए रखी गयी है जो इस साल भी कायम है। 

इस साल भी विश्व कैंसर दिवस को “क्लोज द केयर गैप” थीम के साथ मनाया जा रहा है.थीम का मकसद कैंसर पीड़ित और लोगों के बीच के गैप को ठीक करना है.हम सभी को इनकम का गैप, एज़ का गैप, रेस (जाति) का गैप, जेंडर का गैप, पैसों का गैप को यथासंभव दूर करने का प्रयास कर कैंसर को भारत समेत पूरे विश्व में फैलने से रोकना है। कैंसर के प्रति महत्वपूर्ण जागरूकता लाना है और वह तभी संभव है जब हम सभी डॉक्टर्स,सोशल वर्कर्स, मीडिया और परिवार इस गैप को दूर करने में महत्वपूर्ण प्रयास करेंगे।

185 देशों में 36 किस्म के कैंसर रोग

डॉ. संदीप कपूर वर्मा ने बताया कि यूआईसीसी के आंकड़े के अनुसारदु निया के 185 देशों में ब्लड कैंसर,स्किन कैंसर,ब्रेस्ट कैंसर,सर्वाइकल कैंसर,ब्रेन कैंसर,बोन कैंसर,प्रोस्टेट कैंसर,लंग कैंसर,पैनक्रियाटिक कैंसर समेत 36 प्रकार के कैंसर रोग हैं. जिसमें पूरी दुनिया में हर साल 19 मिलियन कैंसर के नए मामले सामने आते हैं और करीब 10 मिलियन मरीज की हर साल कैंसर से मृत्यु हो जाती है।भारत में हर साल औसत 1.4 मिलियन कैंसर के नए मामले आते है। जिसमें करीब साढ़े आठ लाख मरीजों की मृत्यु कैंसर से हो जाती हैं। पूरे विश्व में सबसे ज्यादा मृत्यु हृदय रोग के कारण होती है जोकि पहले स्थान पर है और दूसरे स्थान पर कैंसर से मृत्यु के आंकड़े हैं।

विश्व भर और भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर और हेड एंड नेक कैंसर के मामले ज्यादा 

डॉ. संदीप कपूर वर्मा बताते है विश्व भर में जहां सबसे अधिक कॉमन ब्रेस्ट कैंसर है वही भारत में भी यह बीमारी अधिक पाई जाती है. ब्रेस्ट कैंसर अधिकतर महिलाओं में पाई जाती है उसके बाद हेड एंड नेक कैंसर पुरुषों में अधिक होता है। भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक है और दूसरे स्थान पर हेड एंड नेक कैंसर हैं।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण और निदान

वर्तमान में महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर और बच्चेदानी में कैंसर की संभावना होती है। बढते हुए कैंसर रोग सबके बीच एक विचारणीय प्रश्न है। एक दशक पहले सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक था जिसका वैक्सीन अब आ चुका है। अब महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ऑल ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण अधिक  है लेकिन सामाजिक लोकलाज की वजह से वह बता नहीं पाती जिसका समय पर इलाज नहीं हो पाता। कैरियर ओरिएंटेड महिलाओं में बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग ना कराने से, अल्कोहल के सेवन से, एक्सरसाइज ना करने से कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। असंतुलित खानपान नॉनवेज डाइट से भी होने की संभावना होती है।

लक्षण 

उन्होंने बताया ब्रेस्ट कैंसर का उपचार सही समय पर पता लगाकर किया जा सकता है सही समय पर इसके लक्षण जैसे यूरिन और स्टूल में रक्त आने पर, हृदय एवं छाती जलने जैसा महसूस होने पर, कार्य करते हुए अधिक थकावट महसूस करने पर, महिलाओं के स्तन में स्वेलिंग, हार्डनेस,  मुंह में छाले होने पर डॉक्टर से सलाह मशविरा और जांच बहुत आवश्यक हो जाता है पर इसके लिए हम कितने जागरूक हैं? इस पर गहन विचार बहुत महत्वपूर्ण है। कैंसर होने के कारणों को जानने के साथ-साथ कैंसर के लक्षण की भी पहचान बहुत जरूरी है ताकि समय रहते इलाज हो सके।

इस तरह के लक्षण होने पर चिकित्सक से परामर्श महत्वपूर्ण 

उन्होंने बताया कैंसर में अल्सर, लंबे समय तक गले में खराश, घुटने में दिक्कत महसूस होना, लगातार खांसी आना, आहार निगलने में दिक्कत होना, शरीर की किसी भी तरह का गांठ का बनना, शरीर में थकान और आलस्य का बने रहना भूख कम लगना त्वचा में मस्सों का अधिक होना, तिल का बढ़ना और रंग बदलना, शरीर के किसी इससे भूख पर भी डॉक्टर को दिखाना बहुत ही आवश्यक है। 

टाइप ऑफ कैंसर – मेलिगेंट,बिनाइन, प्री कैंसर 

डॉ. संदीप कपूर वर्मा ने बताया मेलिगेंट,बिनाइन, प्री कैंसर ये कैंसर के प्रकार हैं.

मेलिगेंट

मेलिगेंट मेसोथेलियोमा एक ऐसे तरह का कैंसर है, जो टिशू के थिन लेयर को अपना शिकार बनाती है। टिशू के थिन लेयर में बनने वाले कैंसरस सेल प्रायः इंटर्नल ऑर्गन में फैल जाते हैं। मेलिगेंट मेसोथेलियोमा कैंसर अत्यधिक खतरनाक कैंसर होता है। टिशू में शुरू होने वाले इस कैंसर को अलग-अलग प्रकार के होते हैं, क्योंकि यह अलग-अलग इंटर्नल ऑर्गन जैसे लंग्स एब्डॉमेन,हार्ट या टेस्टिकल्स तक फैल जाते हैं। इस रेयर कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इसके शुरुआती स्टेज में जानकारी मिलने पर। इसलिए किसी भी बीमारी के लक्षण को समझना जरूरी है, जिससे जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जा सके। मेलिगेंट मेसोथेलियोमा के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, क्योंकि यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाला कैंसर है। 

मौजूदा दौर में न जाने कितने ही लोग ब्रेन ट्यूमर की चपेट में हैं। शरीर में बनने वालीअसामान्य कोशिकाओं के समूह को ट्यूमर कहा जाता है जो गांठ के रूप में विकसित होती हैं। ये हमारे शरीर की अरबों कोशिकाओं में से किसी एक में शुरू हो सकती हैं और धीरे-धीरे पूरे शरीर में संक्रमण पैदा करती हैं। अब ट्यूमर भी एक जानलेवा बीमारियों की लिस्ट में हैं।

बिनाइन

बिनाइन ट्यूमर वैसे तो इस ट्यूमर का असर शरीर के दूसरे अंगों पर नहीं होता, लेकिन नजरअंदाज करने पर ये बीमारी भी खतरनाक साबित हो सकती है। हमारे शरीर में आम तौर पर अतिरिक्त कोशिकाओं के बनने से ट्यूमर का निर्माण होता है। बॉडी में जब ट्यूमर का निर्माण होता है तो कुछ पुरानी सेल्स नष्ट या कहें मर जाती हैं और नई बनने लगती हैं। लेकिन इसी प्रोसेज में तमाम दफा ऐसी भी होता है कि नई सेल्स बनने के बावजूद भी पुरानी जीवित रहती हैं और इस स्थिति को ही बिनाइन ट्यूमर कहा जाता है। बिनाइन ट्यूमर स्किन की नॉन कैंसर ग्रोथ है। इसमें स्किन पर कोशिकाओं में गांठ या सूजन दिखने लगती है। शरीर में इसका पता सिर्फ जांच के बाद ही पता लग सकता है।

प्री कैंसर

प्री कैंसर के लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है। मुंह का कम खुलना मुंह में जलन होना मसालेदार भोजन का मुंह में सहन न होना मुंह और जीभ में सफेदी, लाल चकत्ते या घाव होना चबाने और निगलने में कठिनाई होना अत्याधिक लार बनना।

प्री कैंसर स्टेज के प्रकार

प्री कैंसर को स्टेज के आधार पर चार प्रकार में बांटा गया है। यह हैं- 1. ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस- इसमें मुंह कम खुलता है, जलन होती है, खाना खाने में दिक्कत होती है। 2. ल्यूकोप्लेकिया – इसमें मुंह के अंदर सफेद चकत्ते, खुरदुरापन, बदरंग चकत्ते। 3. ओरल लाइकेन प्लेनस- मुंह में सफेद धारियां, लाल पैच, ये ऑटो इम्यून डिजीज की वजह से होता है। इस बीमारी में मरीज को लगातार फॉलोअप में आने की जरूरत होती है। डॉ. सी. राजन ने बताया एशियन अस्पताल में कीमो थेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी उपलब्ध है। अल्ट्रासाउंड जांच में कैंसर डिटेक्ट हो जाता है और एफएनएसी जांच में इंजेक्शन से ब्लड लेकर सैंपल टेस्ट करते हैं जिससे स्तन कैंसर का पता चलता है। डॉ. संदीप कपूर वर्मा ने यह भी बताया की कैंसर रोग संक्रमण रोग नहीं है कैंसर रोगी के साथ खाना पीना रहना वर्जित नहीं है। वर्ल्ड कैंसर दिवस पर डॉक्टर ए. एम. राय ने बताया प्राकृतिक दिनचर्या अपनाएं, अल्कोहल एवं केमिकल का उपयोग ना करें, मच्छरमार अगरबत्ती बिल्कुल  इस्तेमाल ना करें। खानपान में सावधानी बरतें एवं स्वच्छ वातावरण में रहे।वर्ल्ड कैंसर डे जागरूकता अभियान  में एशियन अस्पताल के ऑंकोलॉजिस्ट विशेषज्ञ डॉ. संदीप कपूर वर्मा, डॉ. ए. एम. राय,  डॉ. सी. राजन एशियन हॉस्पिटल सेंटर हेड, हॉस्पिटल के मार्केटिंग हेड मो. ताजुद्दीन समेत हॉस्पिटल के अन्य डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सक्रिय हैं।

Share.
Leave A Reply

Contact Info

Address: 42A / Sinha Niwas , Near Agrasen Bhawan Dharamshala ,Telipada Road ,Hirapur
Dhanbad – 826001 Jharkhand

Phone  No: +917004740140

Email Id: indiasvoice@gmail.com

© 2024 Indias Voice News All Right Reserved. Designed by SEO Company For Best Results – SEO Expert.