प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश ने किया धनबाद जेल का निरीक्षण
# जेल प्रशासन को दिए कई आवश्यक दिशा निर्देश
# बंदियों को दी गई विभिन्न कानून की जानकारी
धनबाद । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार एवं झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन राम शर्मा ने रविवार को
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी,अवर न्न्यायायाधीश राकेश रोशन के साथ धनबाद मंडल कारा का औचक निरीक्षण किया । जेल में कुल 636 दोषसिद्ध व विचाराधीन बंदी मिले। न्यायाधीश ने कारागार के प्रत्येक बैरक में पहुंचकर बंदियों से उनके स्वास्थ्य, इलाज,पेयजल,नास्ता, भोजन व मुकदमे में पैरवी के लिए अधिवक्ता होने अथवा न होने की जानकारी ली। स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए न्यायाधीश ने बंदियों के शौचालयों की साफ-सफाई का निर्देश दिया। कारागार अस्पताल में निरुद्ध बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें उच्च स्वास्थ्य सेंटर भेजे जाने का निर्देश जय डॉक्टर को दिया।वहीं शिक्षापरक एवं रोजगारपरक शिविरों का आयोजन कराकर उन्हें प्रशिक्षित किए जाने का निर्देश जेलर को दिया गया।महिला बैरक में निरुद्ध कुल 26 महिला बंदियों से मुलाकात कर न्यायाधीश ने उनकी समस्याओं को सुना। निरीक्षण के दौरान जेलर को निर्देशित किया गया कि सभी बन्दियों का वर्तमान डेटा जेल के पैरा लीगल वालेंटियर (विधिक स्वंयसेवक ) के माध्यम से कम्प्यूटर पर फीड कराया जाए। वैसे बंदी जो कई मुकदमों में जेल में बंद है उनके साथ नए बंदियों को नहीं रखा जाए। पढ़ाई करने की इच्छुक बंदियों को समुचित शिक्षा की व्यवस्था कराई जाए ।जेल में स्कैनर का समुचित प्रयोग करने , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बंदीयो को न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया गया इसके लिए हाईटेक आवश्यक उपकरणों को लगाने का निर्देश जेलर को दी गई।न्यायाधीश ने चिकित्सा सुविधाओं, पुस्तकालय,रसोई घर, वहां तैयार हो रहे भोजन,व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और ध्यान-सह-योग केंद्र में सुविधाओं का जायजा लिया।उन्होंने बंदियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। उन्होंने जेल प्रशासन को बंदियों को नियमानुसार सुविधाएं मुहैया कराने जेल अधिकारियों को उनके कर्तव्य का समुचित रूप से पालन करने का निर्देश दिया । जेल मैनुअल के तहत मिलने वाली सारी सुविधाएं बंदीयों को उपलब्ध कराने का आदेश जेल प्रशासन को दिया और कहा कि इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं की जानी चाहिए ।प्रधान न्यायाधीश ने गढ़वा अदालत में लंबित एक मामले में धनबाद जेल में बंद बंदी को अविलंब गढ़वा के अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का निर्देश दिया।
बंदियों को दी गई कानून की जानकारी
इसके पूर्व मंडल कारा धनबाद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया शिविर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह ने बंदियों के अधिकार,मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने प्ली बारगेनिंग अधिनियम, हाईकोर्ट द्वारा चलाए जा रहे यूटीआरसी स्कीम के बारे में जानकारी दी ।अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी ने जमानत संबंधी प्रावधान के विषय में बंदियों को जानकारी दी।अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने कहा कि वैसे बंदी जो अपराध के मामलों में जेल में बंद है तथा जो अधिवक्ता रखने में सक्षम नहीं है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की स्थापना की गई है। इसमें ऐसे बंदी जो अपना अधिवक्ता स्वयं करने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं उनके मुकदमे की नि:शुल्क पैरवी हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार में चीफ,डिप्टी चीफ व असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल की नियुक्ति की गई है उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि बंदियों की समस्याओं के समाधान के लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल से नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त करें इसके लिए बंदी आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भेजें।इस मौके पर डिप्टी जेलर दिनेश वर्मा, एलडीसीएस के चीफ कुमार विमलेंदु,डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, एलएडीसीएस के असिस्टेंट काउंसिल सुमन पाठक,शैलेन्द्र झा, नीरज गोयल,मुस्कान चोपड़ा,डालसा सहायक अरुण कुमार ,सौरव सरकार,अनुराग पांडे,विजय कुमार उपस्थित थे।