धनबाद: सोमवार को धनबाद जिला कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान,जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा एलआईसी और एसबीआई की संपत्ति को डुबाने की निरंतर की जा साजिश के खिलाफ मे बैंक मोड़ स्थित एसबीआई के मुख्य कार्यालय के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया एवं वहां से पैदल मार्च करते हुए झरिया रोड स्थित एलआईसी कार्यालय के सामने जिला स्तरीय मार्च और विरोध-प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।मौके पर जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा केंद्र की मोदी सरकार सभी मोर्चे पर विफल रही है लोग आर्थिक संकटो से जूझ रही है महंगाई और बेरोजगारी चरम सीमा पर है इसके बावजूद मोदी सरकार मुकदर्शक और लापरवाह बनी हुई है,आगे श्री सिंह ने कहा कि 20 साल की मेहनत मोदी जी की,जब मुख्यमंत्री थे,तब की मेहनत। जब प्रधानमंत्री बने तब की मेहनत। इतनी मेहनत करके मोदी जी ने एक गुबारा फुलाया,फुस्स, हवा निकल गई। सारे नियम,कायदे,कानून ताक पर रखकर एक आदमी को मोदी जी ने पाल-पोस कर बड़ा करने के साथ-साथ उन्हें लाभ पहुंचाने का काम किया है,आज क्या हुआ। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी के बीच का मामला होता तो हमें क्या आपत्ति होती,हम भी चुप रहते,आप भी चुप रहते।अब तो आप भी और हम भी चुप नहीं रह सकते। क्योंकि ये मामला अब एक-एक भारतवासी के पसीने से कमाई धनराशि जो अब खतरे में पड़ गई है एलआईसी के माध्यम से,ये मामला वहाँ तक जाता है। हमारी, आपकी जेब पर जा पहुंचा है।एलआईसी का विज्ञापन तो हम बचपन से ही सुनते आए हैं, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। अब उसकी भी टेगलाइन बदलनी पड़ेगी। जिंदगी के साथ थी, अब अडानी जी के साथ है। ये एलआईसी की हालत है और पीएम, प्राईम मेंटोर, अडानी जी के प्राइम मेंटोर है प्रधानमंत्री ,जो एक दम चुप। एक शब्द नहीं सुनाई देगा आपको प्रधानमंत्री के मुँह से।करोड़ों, 40 करोड़ के लगभग निवेशक जिन्होंने अपनी जमा पूंजी एलआईसी में लगाई थी, उनके भविष्य का सवाल है और एलआईसी में जो अडानी एंटरप्राईसेस हैं,1% से बढ़ा कर एलआईसी ने 4.23% अपना निवेश कर दिया उसमें। किसके इशारे पर किया,क्यों किया?मित्र काल के हम दो हमारे दो, देश की संपत्ति बेच दो ! एलआईसी और एसबीआई में हिस्से को प्राइम मेंटर ने ऐसे समूह के हवाले किया जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का इलज़ाम लगा है !करोड़ों भारतीयों की जमा पूँजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में जो अडाणी पर आरोप लगे हैं उसकी जाँच कब होगी ?मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साधी हुई है, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम कहना चाहते हैं कि आप अपने परम मित्र को धोखा दीजिये, हमें उससे कोई मतलब नहीं है, पर कम से कम भारत के निवेशकों, एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और एसबीआई के 45 करोड़ खाता धारकों को तो धोखा मत दीजिये। आज देश को 3 बड़े तथ्य मालूम हैं –पहला, अमरीका की प्रतिष्ठित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडाणी समूह पर इस देश के अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का इलज़ाम लगाया है – जिसमें 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर, डेब्ट फ्यूएलड बिज़नेस, अडाणी परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स-हेवन में बेनामी शेल कंपनियां के एक विशाल मायाजाल द्वारा अरबों रुपये के काले धन का खुलासा किया है और इंसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनीपुलेशन के गंभीर आरोप लगाएं हैं।दूसरा, एलआईसी और जैसे सरकारी संस्थानों में अडाणी समूह का बेहद जोखिम भरा लेन-देन और निवेश मोदी सरकार द्वारा किया गया है। उदहारण के तौर पर -प्रमुख अदानी एंटरप्राइजेज में 1% से कम से एलआईसी की हिस्सेदारी बढ़कर 4.23% हो गई। अडाणी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी 1% से कम से बढ़कर 5.96% पर पहुंच गई है। अडाणी ट्रांसमिशन में एलआईसी की शेयरधारिता 2.42% से बढ़कर 3.65% हो गई। अदाणी ग्रीन एनर्जी में यह 1% से भी कम से बढ़कर 1.28% हो गया है। एलआईसी का आधिकारिक रूप से कहना है एलआईसी का अडाणी में इक्विटी एक्सपोजर ₹56,142 करोड़ है। पर पिछले कुछ दिनों से जब अडाणी के शेयर गिर रहें हैं तब से कल तक एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के ₹33,060 करोड़ डूब चुके हैं। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और अन्य भारतीय बैंकों ने अडाणी समूह को ऋण दिया है। अदाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब ₹80,000 करोड़ का कर्ज है, जो समूह के कुल कर्ज का 38% है। उसमें से, निजी बैंकों का जोखिम कुल समूह ऋण के 8% है, जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30% है।तीसरा, और शायद अब तक का सबसे सनसनीखेज़ ख़ुलासा जिस पर अब तक भारतीय मीडिया ने भी ध्यान नहीं दिया है, वो है, चांग चुंग-लिंग -एक चीनी बिजनेसमैन संदिग्ध गतिविधियों से भारतीय जाँच एजेंसी वाकिफ़ हैं – उसके और अडाणी समूह में क्या रिश्ता है ? चांग चुंग-लिंग गुडामी इंटरनेशनल नाम की एक संस्था चलाता है या चलाता था। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि गुडामी इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड को अडाणी समूह के रत्नों के कथित परिपत्र व्यापार में सरकारी धोखाधड़ी की जांच के हिस्से के रूप में पहचाना गया था और चांग चुंग-लिंग और विनोद अडाणी के सिंगापुर के घर का पता एक ही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक महत्वपूर्ण मामला है, न केवल शेयरधारकों के लिए बल्कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी। अब सिटीग्रुप की धन शाखा ने अडाणी सिक्योरिटीज को मार्जिन ऋणों के लिए संपार्श्विक के रूप में स्वीकार करना बंद कर दिया है। कल क्रेडिट सुइस ने कहा था कि वह अडाणी बांड को संपार्श्विक के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी सरकार ने किस तरह से अपने परम मित्र अडाणी की मदद की है। अडाणी समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है, करोड़ों निवेशकों की, करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स की गाढ़ी कमाई ख़तरे में है। इस परिपेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से ये 3 ज़रूरी माँग करती है।1. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के देख-रेख में एक निष्पक्ष जांच हो, जिसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो।2. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए।3. एलआईसी एसबीआई और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अडाणी का जोख़िम भरा निवेश है उसपर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाये और निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए उचित क़दम उठाये जाएँ।आगे श्री सिंह ने कहा कि हम सबसे ज़रूरी बात कहना चाहतें हैं।हमारे नेता राहुल गाँधी जी जब सूट बूट की सरकार हम दो, हमारे दो और अब मित्र काल की बात करतें हैं तो वो किसी विशेष उद्योगपति की बात नहीं करते – वे उस सिस्टम की बात करतें हैं जो मोदी जी ने अपने चुनिंदा मित्रों को देश की मूल्यवान संपत्ति को लूटने के लिए इजात किया है। हम भारतीय कॉरपरेट जगत के ख़िलाफ़ नहीं है, हम क्रोनी कैपिटलिज़्म के ख़िलाफ़ है ! चुनिंदा अरबपतियों को जब नियम बदलकर फ़ायदा पहुँचाया जाता है, हम उसके ख़िलाफ़ हैं।कार्यक्रम में कार्यकारी अध्यक्ष राशिद रजा अंसारी ने कहा कि देश की मोदी सरकार सभी नियमों को ताक में रखकर चंद पूंजीपति लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया है लोग आर्थिक संकट से जूझ रही है लोग महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त हैं इसके बावजूद मोदी सरकार मुकदर्शक बनी हुई है,2024 के चुनाव में देश की जनता मोदी सरकार को मुंहतोड़ जवाब देगी।