नशे के शिकार बच्चों के पुनर्वास को ले डीएलएसए सचिव व सीडब्लूसी अध्यक्ष ने शुरू की संयुक्त पहल
# चार बच्चों को लेकर हुई समीक्षा बैठक
# बेटा स्वस्थ हो गया, माँ से कराई गई वीडियो कॉलिंग ,
# बिहार व बंगाल के बच्चों का होगा स्पॉट विजिट
धनबाद । डीएलएसए सचिव राकेश रौशन के नेतृत्व में व सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी के सहयोग से पिछले दिनों रेस्क्यू हुए चार बच्चों के मामलों को लेकर आज समीक्षा बैठक हुई. डीएलएसए सचिव के कक्ष में ऐसे सभी बच्चों के संदर्भ में अधीक्षक , सहयोग विलेज़ का प्रतिवेदन एवं अन्य संबंधित काग़ज़ातों का अवलोकन किया गया.अच्छी बात यह है सभी बच्चे स्वस्थ हो गए हैं तथा वे मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं. हीरापुर के बच्चे का पिता नहीं है. आज माँ भी उपस्थित हुई. बोकारो बाल गृह में आवासित बच्चे को माँ से वीडियो कॉल से बात कराई गई. बेटा माँ के पास लौटना चाहता है. बच्चे की पढ़ाई जारी रहे तथा उसे स्पॉन्सरशिप से प्रतिमाह चार हज़ार मिले इसके ज़िला बाल संरक्षण इकाई को निर्देशित करने का निर्णय लिया गया. चाइल्ड हेल्प लाइन बच्चे की घर वापसी के बाद फॉलो अप जारी रखेगा. चाइल्ड हेल्प लाइन के को ऑर्डिनेटर स्मिता कुमारी को यह दायित्व दिया गया है.
रेस्क्यू दो बच्चे बिहार के गया और पश्चिम बंगाल के आसनसोल दुर्गापुर इलाक़े के हैं. ये बच्चे भी स्वस्थ हो गए हैं. गया के बच्चे के परिवारजनों की तलाश वहाँ के ज़िले ने अब तक नहीं की है.इन बच्चों को भी मुख्यधारा में लाने के लिए बच्चों के स्पॉट विजिट कराकर वहाँ के ज़िलों से समन्वय की कोशिश हो रही है. एक बच्चा धनसार क्षेत्र का है.सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद स्कूल में नामांकन की शर्त पर उसकी भी घर वापसी होगी.
सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने बताया प्रधान ज़िला न्यायाधीश श्री राम शर्मा की सोच और डीएलएसए सचिव राकेश रौशन की पहल का ज़बरदस्त परिणाम मिला है. लोग अब अब ख़ुद ऐसे बच्चों को लेकर पुनर्वास का आवेदन लेकर पहुँच रहे हैं. बच्चे शेल्टर होम में बेहद खुश हैं. हालाँकि जेजे एक्ट की भावना के अनुरूप बच्चों के सर्वोत्तम हित में फ़ैमिली रेस्टोरेशन पर ध्यान दिया जा रहा है. सचिव राकेश रौशन ने अभिभावकों को भी बच्चों पर ध्यान देने की अपील की है.