धनबाद :डी.ए.वी कोयलानगर में शुक्रवार को बीसीसीएल के डी.पी मल्लिकार्जुन की सेवानिवृत्ति के अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार की ओर से उनके सुखमय जीवन की शुभकामनाएं देने हेतु पारंपरिक हवन का आयोजन किया गया।
गौरतलब है कि वे इसी महीने की 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि बीसीसीएल के डी.पी. व उनकी धर्मपत्नी, झारखंड जोन -सी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ के.सी. श्रीवास्तव, डी.ए.वी स्कूल मुनिडीह के प्राचार्य एम.पी. सिंह,डी.ए.वी. स्कूल अलकुसा के प्राचार्य एस.के सिन्हा, डी.ए.वी स्कूल बरोरा के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार सहित विद्यालय के शिक्षक- शिक्षिकाएं,छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।
सर्वप्रथम झारखंड जोन-सी के क्षेत्रीय अधिकारी डाॅ.के.सी श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि मल्लिकार्जुन व उनकी धर्मपत्नी को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया। तत्पश्चात विभिन्न विद्यालयों से आए प्राचार्यों ने भी पुष्पगुच्छ प्रदान कर उनको सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विशिष्ट हवन से किया गया। इस खास मौके पर विद्यालय के संगीत शिक्षक सी.पी.मिश्रा द्वारा मनमोहक भजन की प्रस्तुति की गई।
झारखंड जोन-सी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ केसी श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि व उनकी धर्मपत्नी को शॉल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह के तौर पर पौधा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य निधियों को संस्कार के रूप में प्रदान करता आया है आगे भी करता रहेगा। विद्यालय नित्यप्रति नए- नए कीर्तिमान स्थापित कर चार चांद लगा रहा है और नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। साथ ही उन्होंने यह आश्वस्त किया कि सेवानिवृत्ति के पश्चात भी वे विद्यालय परिवार के लिए कार्यशील रहेंगे तथा हर संभव योगदान देते रहेंगे।
मौके पर उपस्थित झारखंड जोन- सी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. के.सी श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि के विद्यालय परिवार के लिए किए गए योगदानों की सराहना करते हुए यह आग्रह किया कि वे विद्यालय को बीसीसीएल की ओर से अनुदान राशि प्रदान करा कर डी.ए.वी की नई शाखा को खोलने में मदद करेंगे।साथ ही जीवन की इस दूसरी पारी के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से किया गया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के अंग्रेजी शिक्षक पवन कुमार पांडे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार पटनायक, सुखदेव सिंह, कविता, विकास, रोजी, रानी, इंद्रनिल मुखर्जी, अनिल कुमार, बी.के. सिंह, शरद श्रीवास्तव, अरूप चटर्जी,बी.के. मंडल दीनबंधु आचार्य, विजय मिश्रा, वीरेंद्र कुमार मेहर, राजीव मिश्रा तथा शत्रुघ्न उपाध्याय ने सहयोग किया।